''चाहत ''
थोड़ी चाहत है आसमाँ छूने की
थोड़ा धरती का बिछौना चाहती हूँ
सोचूँ पा लूँ थोड़े मोती, थोड़ा सोना चाहती हूँ
पर इन सबसे ज्यादा तेरे दिल का कोना चाहती हूँ
बस ज़िन्दगी भर के लिए तेरी होना चाहती हूँ।
थोड़ी चाहत है तुझे पा लेने की
थोड़ा तुझ संग मैं रहना चाहती हूँ
छीन लूँ तेरा हर गम तुझसे
तुझे अपनी हर खुशी देना चाहती हूँ
क्योंकि मैं तेरी होना चाहती हूँ।
थोड़ी चाहत है तुझे हँसाने की
थोड़ा तेरी बातों पर हँसना चाहती हूँ
चाहूँ उबारना तुझे हर गम से
तेरे आँसुओं से अपनी पलकें भिगोना चाहती हूँ
मैं तेरी होना चाहती हूँ।
थोड़ी चाहत है तेरे दिल में बस जाने की
थोड़ा तुझे मेरे दिल में रखना चाहती हूँ
कुछ तू सजाये तेरे दिल में मुझे
कुछ मैं तेरे लिए संवरना चाहती हूँ
मैं तेरी होना चाहती हूँ।
चाहती हूँ तेरे कुछ पल चुराना
अपना हर पल तुझे देना चाहती हूँ
कुछ नहीं चाहती इस ज़िन्दगी से मैं
बस मरने तक तेरी बाहों में सोना चाहती हूँ
क्योंकि मैं तेरी हूँ और बस
तेरी रहना चाहती हूँ
तेरी होना चाहती हूँ। .....
थोड़ी चाहत है आसमाँ छूने की
थोड़ा धरती का बिछौना चाहती हूँ
सोचूँ पा लूँ थोड़े मोती, थोड़ा सोना चाहती हूँ
पर इन सबसे ज्यादा तेरे दिल का कोना चाहती हूँ
बस ज़िन्दगी भर के लिए तेरी होना चाहती हूँ।
थोड़ी चाहत है तुझे पा लेने की
थोड़ा तुझ संग मैं रहना चाहती हूँ
छीन लूँ तेरा हर गम तुझसे
तुझे अपनी हर खुशी देना चाहती हूँ
क्योंकि मैं तेरी होना चाहती हूँ।
थोड़ी चाहत है तुझे हँसाने की
थोड़ा तेरी बातों पर हँसना चाहती हूँ
चाहूँ उबारना तुझे हर गम से
तेरे आँसुओं से अपनी पलकें भिगोना चाहती हूँ
मैं तेरी होना चाहती हूँ।
थोड़ी चाहत है तेरे दिल में बस जाने की
थोड़ा तुझे मेरे दिल में रखना चाहती हूँ
कुछ तू सजाये तेरे दिल में मुझे
कुछ मैं तेरे लिए संवरना चाहती हूँ
मैं तेरी होना चाहती हूँ।
चाहती हूँ तेरे कुछ पल चुराना
अपना हर पल तुझे देना चाहती हूँ
कुछ नहीं चाहती इस ज़िन्दगी से मैं
बस मरने तक तेरी बाहों में सोना चाहती हूँ
क्योंकि मैं तेरी हूँ और बस
तेरी रहना चाहती हूँ
तेरी होना चाहती हूँ। .....
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